क्या है ओएनडीसी (ONDC क्या है, कैसे खरीदारी करे)

क्या है ओएनडीसी (ONDC क्या है, कैसे खरीदारी करे)

आजकल इंटरनेट का युग है। लोग बाजार जाने की बजाय अपने घर से ही विभिन्न शॉपिंग साइट्स से ऑर्डर करके खरीदारी करना पसंद करते हैं। अमेजन, फ्लिपकार्ट, मंत्रा, मीशो जैसी कई ई-कॉमर्स साइट्स हैं, जो लोगों की खरीदारी और उत्पादों की होम डिलीवरी की आवश्यकताओं को पूरा करती हैं।

वर्तमान में ई-कॉमर्स मार्केट में अमेजन और फ्लिपकार्ट दोनों ही बड़ी राजनीति कर रहे हैं। मार्केट रिटेलर्स इन ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ आवाज उठाते रहते हैं। इसलिए, हमारी केंद्र सरकार एक नई पहल ओएनडीसी (ONDC) लेकर आ रही है जो इन कंपनियों को चुनौती देने के लिए है।

ओएनडीसी (ONDC) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है जो ई-कॉमर्स कंपनियों को एक समान नेटवर्क पर लाने का उद्देश्य रखती है। इसका मुख्य उद्देश्य छोटे व्यापारियों को ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ सीधे जुड़ने में मदद करना है। इस नेटवर्क के माध्यम से छोटे व्यापारियों को उनके उत्पादों को ई-कॉमर्स कंपनियों के ग्राहकों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। इससे छोटे व्यापारियों को अपने उत्पादों को बेचने के लिए अधिक विकल्प मिलेंगे और वे अपनी आय को बढ़ा सकेंगे। इसके अलावा, ओएनडीसी के माध्यम से सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों को नियंत्रित करने में भी मदद करेगी और उनके द्वारा उपयोगकर्ताओं को धोखा न देने के लिए सुनिश्चित करेगी।

ONDC ओपन सोर्स एवं ई-काॅमर्स क्या अर्थ है

बिल्कुल सही कहा आपने। ओपन सोर्स (open source) का मतलब होता है कि किसी सॉफ्टवेयर या प्रक्रिया के कोड या चरणों को दूसरों के उपयोग, पुनर्वितरण और संशोधन के लिए स्वतंत्र रूप से उपलब्ध कराया जा सकता है। इससे उपयोगकर्ताओं को सॉफ्टवेयर या प्रक्रिया को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार संशोधित करने और उसे अपनी जरूरतों के अनुसार उपयोग करने की स्वतंत्रता मिलती है। इससे सॉफ्टवेयर या प्रक्रिया के विकास में भी तेजी आती है और उसे बेहतर बनाने के लिए लोगों की भी भागीदारी मिलती है।

बिल्कुल सही कहा आपने। गूगल का एंड्रायड ओपन सोर्स है जिसे कोई भी उपयोगकर्ता संशोधित कर सकता है। इसके विपरीत, एप्पल का आईफोन आपरेटिंग सिस्टम क्लोज्ड सोर्स है जिसे केवल एप्पल द्वारा संशोधित किया जा सकता है। इससे उपयोगकर्ताओं को इसे संशोधित करने या उसे अपनी जरूरतों के अनुसार उपयोग करने की स्वतंत्रता नहीं मिलती है।

ओएनडीसी  का क्या उद्देश्य है

बिल्कुल सही कहा आपने। ओएनडीसी (ONDC) का पूरा नाम “ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स” है जो एक ओपन प्रोटोकॉल पर आधारित तकनीकी नेटवर्क है। इसका उद्देश्य ई-कॉमर्स कंपनियों को एक समान नेटवर्क पर लाना है जिससे छोटे व्यापारियों को उनके उत्पादों को ई-कॉमर्स कंपनियों के ग्राहकों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। इससे छोटे व्यापारियों को अपने उत्पादों को बेचने के लिए अधिक विकल्प मिलेंगे और वे अपनी आय को बढ़ा सकेंगे।

सरकार ई-काॅमर्स कंपनियों की मोनोपाॅली क्यों खत्म करना चाहती है

आपने बिल्कुल सही कहा है। केंद्र सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों की मोनोपोली को खत्म करना चाहती है क्योंकि बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ लगातार शिकायत आ रही थी कि वे मार्केट में अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल कर रही हैं। इससे छोटे विक्रेताओं को नुकसान हो रहा है और उन्हें अपने उत्पादों को बेचने में मुश्किल हो रही है।

इसके अलावा, बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां अनुचित लाभ हासिल करने के लिए बड़ी छूट दे रही हैं जो छोटे विक्रेताओं के लिए नुकसानदायक होती हैं। इसलिए, केंद्र सरकार ने ओएनडीसी की शुरुआत की है जिससे छोटे विक्रेताओं को अपने उत्पादों को बेचने के लिए अधिक विकल्प मिलेंगे और वे अपनी आय को बढ़ा सकेंगे।

ओएनडीसी से लाभ 

आपने बिल्कुल सही कहा है। ओएनडीसी (ONDC) नेटवर्क से छोटे व्यापारियों को बहुत लाभ होगा और बड़ी ई-कामर्स कंपनियों की आनलाइन मार्केट पर मोनोपोली नहीं रहेगी। केंद्र सरकार ने ओएनडीसी की शुरुआत की है जिससे छोटे विक्रेताओं को अपने उत्पादों को बेचने के लिए अधिक विकल्प मिलेंगे और वे अपनी आय को बढ़ा सकेंगे। इससे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों को चुनौती मिलेगी और वे अपने उत्पादों की कीमतों में अधिक ट्रांसपेरेंसी लाने के लिए मजबूर होंगी।

ओएनडीसी की शुरूआत में उद्योगपति एवं इंफोसिस (Infosys) के सह-संस्थापक/गैर कार्यकारी अध्यक्ष नंदन नीलेकणि (Nandan Nilekani) की अहम भूमिका मानी जा रही है। वह इस पहल के माध्यम से छोटे विक्रेताओं को अपने उत्पादों को बेचने के लिए अधिक विकल्प प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं।

कैसे काम करता है ONDC ? (ONDC kaise kaam karta hai)

ओएनडीसी (ONDC) एक ओपन सोर्स नेटवर्क है जो ग्रासरी, फूड आर्डर एवं डिलीवरी, होटल बुकिंग एवं यात्रा आदि सेग्मेंट्स में अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच पहुंचाकर स्थानीय व्यापार को मदद करता है। इसमें एकीकृत भुगतान प्रणाली भी होगी जो यूपीआई (UPI) के माध्यम से भुगतान करने की सुविधा प्रदान करेगी। इससे छोटे विक्रेताओं को अपने उत्पादों को बेचने के लिए अधिक विकल्प मिलेंगे और वे अपनी आय को बढ़ा सकेंगे। इससे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों को चुनौती मिलेगी और वे अपने उत्पादों की कीमतों में अधिक ट्रांसपेरेंसी लाने के लिए मजबूर होंगी। आपकी जानकारी सही है कि अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसी ई-कामर्स कंपनियों की ई-रिटेल मार्केट में करीब 80 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।

व्यापारियों को ओएनडीसी ई-कामर्स प्लेटफार्म मदद मिलेगी?

धन्यवाद आपने इस बारे में जानकारी दी। हाँ, आपकी जानकारी सही है कि ओएनडसी (ONDC) सरकार द्वारा तैयार किए जा रहे ई-कामर्स इको सिस्टम होगा जिसके जरिए पान वाले, चाटवाले, छोटे भटूरे वाले अपने प्राडक्ट्स आनलाइन बेच सकेंगे।

इससे कस्टमर उन्हें आनलाइन आर्डर और भुगतान कर सकेंगे। यह सरकार का एक नाट फार प्राफिट सिस्टम होगा जिसका फोकस सुविधा प्रदान करने पर होगा। इससे छोटे व्यापारियों को अपने उत्पादों को बेचने के लिए अधिक विकल्प मिलेंगे और वे अपनी आय को बढ़ा सकेंगे। इस प्रोजेक्ट को विशेषज्ञों की सलाह एवं निगरानी में आगे बढ़ाया जा रहा है।

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