सारागढ़ी युद्ध का इतिहास (Saragarhi History in Hindi Movie)

सारागढ़ी युद्ध का इतिहास (Saragarhi History in Hindi Movie)

भारत के भूमि पर कई युद्ध लड़े गए हैं, जिनकी याद आज भी है। इन युद्धों से संबंधित घटनाओं और कहानियों का अध्ययन करके हमें पता चलता है कि हमारे देश में कितने साहसी और बहादुर लोगों ने जन्म लिया है। इन वीरों ने अपनी त्याग के माध्यम से इतनी बड़ी कुर्बानी दी है। ये कथाएं फिल्मों के रूप में भी प्रस्तुत हुई हैं, जिनका उद्देश्य देश के लोगों को इन वीरों की कुर्बानी के बारे में जागरूक करना है। अब सारागढ़ी के युद्ध को भी बड़े पर्दे पर प्रदर्शित किया जाएगा। इस युद्ध के बारे में दो फिल्में बनाई जाएंगी, जिनमें यह दर्शाया जाएगा कि कैसे केवल 21 सिख सैनिकों ने 10,000 अफगानियों को हराया।

 

सारागढ़ी युद्ध 12 सितंबर 1897 को आयोजित हुआ था। इस युद्ध में 10,000 पश्तूनों के खिलाफ लड़ाई लड़ी गई थी। इस युद्ध में 36वीं सिख बटालियन के केवल 21 सिख सेना के जवानों ने हिस्सा लिया था। इस युद्ध के समय, भारत पर ब्रिटिश साम्राज्य अपना शासन चला रहा था। इन 21 सिपाहियों ने उस समय भारत पर शासन करने वाले ब्रिटिश सेना की ओर से यह युद्ध लड़ा था।

क्या है 36 वीं सिख रेजिमेंट (The 36th Sikhs regiment in Hindi)

ब्रिटिश शासनकाल के दौरान, भारत में 36वीं सिख रेजिमेंट या बटालियन के सभी सिपाही सिख होते थे। इस बटालियन में केश धारी सिख सिपाहीयों को विशेष महत्व दिया जाता था। हालांकि, भारत को अंग्रेजों से स्वतंत्रता मिलने के बाद से 36वें सिख बटालियन को अब 11वीं सिख रेजिमेंट के रूप में जाना जाता है।

कहां हैं सारागढ़ी (saragarhi loacation in Hindi)

आपकी जानकारी सही है, सारागढ़ी नामक स्थान आजादी से पहले भारत का हिस्सा था। हालांकि, विभाजन के समय यह स्थान पाकिस्तान के हिस्से में चला गया था और वर्तमान में यह स्थान आधुनिक पाकिस्तान में एक छोटे से गांव के रूप में स्थित है।

सारागढ़ी युद्ध की कहानी का इतिहास (Battle of saragarhi history  in hindi)

सारागढ़ी युद्ध के समय, अफ़रीदी और औरकज़ई कबायलियों का मकसद था गुलिस्तान और लोखार्ट किलों को अपने अधीन करना। ये दोनों किले भारत और अफगानिस्तान की सीमा के पास स्थित थे और इनका निर्माण महाराजा रणजीत सिंह ने करवाया था। सारागढ़ी चौकी भी लॉकहार्ट के किले और गुलिस्तान के किले के पास स्थित थी, और यह चौकी सिपाहियों के लिए संचार केंद्र की भूमिका निभाती थी। यह चौकी 36वीं सिख रेजिमेंट के सिपाहियों की जिम्मेदारी थी।

21 सितंबर को, पश्तूनों (अफ़रीदी और औरकज़ई) ने लोखार्ट किले पर हमला कर दिया। इस हमले की खबर सिपाही गुरमुख सिंह ने अपने अफसरों तक पहुंचाई। हालांकि, उस समय में सेना को तुरंत भेजना मुश्किल था। इस परिस्थिति में, 36वीं सिख रेजिमेंट के सिपाही ने युद्ध का मोर्चा संभाल लिया और लगभग 10,000 पश्तूनों के साथ युद्ध किया, जिसमें करीब 600 लोगों को मार गिराया गया।

हाँ, सारागढ़ी युद्ध में 36वीं सिख रेजिमेंट के 21 सिपाही शहीद हो गए थे। यह युद्ध अंग्रेजी सेना द्वारा जीता गया था और पश्तूनों को भी नुकसान हुआ हो सकता था। 21 सिपाहियों ने बहादुरी से पश्तूनों को रोका रखा था, जिसके कारण अंग्रेजों को युद्ध में सहायता मिली। यह माना जाता है कि जब इन 21 सिपाहियों के पास बंदूकों की गोलियां ख़त्म हो गईं, तब उन्होंने चाकू की मदद से 10,000 दुश्मनों का सामना किया।

यूनेस्को द्वारा किया गया शामिल (battle of saragarhi unesco in Hindi)

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा ऐतिहासिक घटनाओं की महत्वपूर्णता को मान्यता दी जाती है और वे बहादुरी की कहानियों को संरक्षित करते हैं। सारागढ़ी युद्ध को भी ऐतिहासिक महत्वपूर्ण घटनाओं में शामिल किया गया है और यूनेस्को ने इसे प्रकाशित किया है। इसके माध्यम से युद्ध में लड़ने वाले वीर सिपाहियों को आज भी सम्मानित किया जाता है और इनकी कथाएं और उनकी वीरता को याद रखा जाता है।

Saragarhi Memorial Gurudwara

 सारागढ़ी युद्ध में भाग लेने वाले सिख सिपाहियों की बहादुरी को मान्यता देने के लिए तीन गुरुद्वारे निर्मित किए गए हैं। एक गुरुद्वारा सारागढ़ी में स्थित है, जहां युद्ध हुआ था। दूसरा गुरुद्वारा फिरोजपुर में स्थित है और तीसरा गुरुद्वारा अमृतसर में है। अमृतसर में बनाए गए इस गुरुद्वारे पर सभी के नाम भी लिखे गए हैं। ये गुरुद्वारा स्वर्ण मंदिर के पास ही स्थित है और इसे 14 फरवरी, 1902 में बनाया गया था। इन गुरुद्वारों को सिख समुदाय में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है और यहां सिखों द्वारा आयोजित की जाने वाली कई परंपराओं का आयोजन होता है।

सारागढ़ी युद्ध पर  फिल्में (Battle of saragarhi documentary movie names)

बॉलीवुड में इस युद्ध को लेकर कई फिल्में बनाई जा रही हैं। पहली फिल्म में अभिनेता अजय देवगन मुख्य किरदार में नजर आएंगे और उसका नाम ‘सन्स ऑफ सरदार’ है। दूसरी फिल्म में अभिनेता रणदीप हुड्डा को लेकर राज कुमार संतोषी द्वारा बनाई जा रही है और उसका नाम ‘केसरी’ है। तीसरी फिल्म में अभिनेता अक्षय कुमार नजर आएंगे और उसका नाम भी ‘केसरी’ बताया जा रहा है।

इसके अलावा, इस युद्ध पर कई किताबें लिखी गई हैं और इसके बारे में डॉक्यूमेंट्री भी बनाई गई है। इससे यह प्रतीत होता है कि सारागढ़ी युद्ध की महत्ता और इसकी बहादुरी आज भी लोगों के द्वारा मान्यता प्राप्त की जाती है।

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