Samajik Anusandhan | सामाजिक अनुसंधान का अर्थ, परिभाषा, महत्व in hindi
Samajik Anusandhan | सामाजिक अनुसंधान का अर्थ
Meaning of Samajik Anusandhan / सामाजिक अनुसंधान का अर्थ
सामाजिक अनुसंधान वह क्रमबद्धता तथा वैज्ञानिक अध्ययन विधि है जिसके आधार पर सामाजिक घटनाओं के संबंध में हम नवीन ज्ञान की प्राप्ति करते हैं।
या विद्यमान ज्ञान को विस्तृत या परिष्कृत करते हैं तथा विभिन्न घटनाओं के पारस्परिक संबंधों या उपलब्ध सिद्धांतों की पुनः परीक्षण करते हैं अतः सामाजिक घटनाओं के विद्यमान सिद्धांतों के संबंध में नवीन विज्ञान में प्रयोग लाई गई विधि सामाजिक अनुसंधान है
Samajik soadh / सामाजिक शोध वैज्ञानिक नियम अनुसार उन मानवीय क्रियाओं को निश्चित करता है निष्क्रत करता है जिसके द्वारा सामाजिक जीवन के संबंध में हमारे ज्ञान की वृद्धि संभव होती है। अनुसंधान का तात्पर्य बार-बार खोजने से है।
Also read this article
सामाजिक शोध के दो भौतिक तत्व
1. अवलोकन द्वारा घटना को उद्देश्य पूर्ण ढंग से देखना अथवा उपलब्ध तथ्यों को देखकर घटना को समझना
2. उन तथ्यों के अर्थ को जानकर जो घटना से पीछे कारणों को व्यक्त करते हैं इन दोनों तथ्यों का ध्यान पैर रखकर जो ज्ञान संचित किया जाता है एवं प्रमाण माना जाता है। इस संपूर्ण प्रक्रिया को शोध या सामाजिक अनुसंधान कहा जाता है।
वेबस्टर शब्दकोश में सामाजिक अनुसंधान का अर्थ
वेबस्टर शब्दकोश में लिखा है तथ्यों एवं सिद्धांतों या किसी भी घटना को ज्ञात करने हेतु सावधानी पूर्वक एवं विवेचनात्मक खोज या निष्ठा पूर्वक किए गए अन्वेषण अनुसंधान कहा जाता है
द न्यू सेंचुरी डिक्शनरी में सामाजिक अनुसंधान का अर्थ
द न्यू सेंचुरी डिक्शनरी मैं लिखा है कि किसी व्यक्ति या वस्तु के संबंध में सावधानीपूर्वक खोज करना एवं तथ्यों या सिद्धांतों का पता लगाने के लिए विषय सामग्री की लगातार सावधानीपूर्वक जांच पड़ताल करना ही शोध अनुसंधान है।
Definations of Social research / सामाजिक अनुसंधान की परिभाषा
जॉन बेस्ट – शोध एक ऐसी व्यवस्थित प्रक्रिया है जो नई खोज कर आती है। तथा संकलित एवं संगठित ज्ञान का विकास करती है।
बॉर्डर्स – एक साथ रहने वाले लोगों के जीवन में क्रियाशील अंतर्निहित प्रक्रियाओं की खोज करना ही सामाजिक अनुसंधान है।
मोसर- सामाजिक घटनाओं अथवा समस्याओं के बारे में नवीन ज्ञान प्राप्त करने के लिए व्यवस्था अनुसंधान कार्य कोई सामाजिक अनुसंधान कहा जाता है।
रेडमैन एवं मोरी – नवीन ज्ञान की प्राप्ति के लिए किए गए वैज्ञानिक प्रश्नों को हम अनुसंधान कहते हैं
फिशर- किसी समस्या को हल करने या एक उपकल्पना की परीक्षा करने अथवा नई घटना या इसमें नए संबंधों को खोजने के उद्देश्य की सामाजिक परिस्थितियों में उपर्युक्त पद्धति का प्रयोग करना ही सामाजिक अनुसंधान है।
Features of Samajik anushandhan / सामाजिक अनुसंधान की विशेषताएं
1.नवीन एवं प्राचीन तथ्यों की खोज करना
2.वैज्ञानिक पद्धति का उपयोग करना
3.सामाजिक जीवन से संबंधित
4.सामाजिक घटनाओं में निहित कार्य कारण संबंध ज्ञात करना
5.उपकल्पना का सत्यापन एवं परीक्षण
6.पारस्परिक संबंधों की खोज
Samajik Soadh ke objectives / सामाजिक अनुसंधान के उद्देश्य
1. सैद्धांतिक
2.व्यवहारिक
Methods of Samajik Anusandhan / शोध के चरण या प्रकार
1.समस्या का चुनाव
2.साहित्य सर्वेक्षण
3.उपकल्पना का निर्माण
4.शोध अभिकल्प
5.आंकड़ों का संकलन
6.आंकड़ों याद तथ्यों का विश्लेषण
7.परिकल्पना की जांच
8.सामाजिक अनुसंधान की व्याख्या
9.सामाजिक अनुसंधान से प्राप्त किए गए निष्कर्ष एवं सुझाव प्रदान करना