Samajik Anusandhan Ki Paribhasha (सामाजिक अनुसंधान की परिभाषा)
सामाजिक अनुसंधान एक ऐसी वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा हम समाज और सामाजिक जीवन के विभिन्न पहलुओं का गहन अध्ययन करते हैं। यह मानव व्यवहार, सामाजिक संरचना और संस्थाओं, सामाजिक प्रक्रियाओं और सामाजिक परिवर्तन, रिश्तों और संघर्षों आदि के बारे में जानकारी एकत्र करने और उनका विश्लेषण करने की प्रक्रिया है। सामाजिक अनुसंधान का उद्देश्य सामाजिक वास्तविकताओं, समस्याओं और मुद्दों को समझना, उनके कारणों की पहचान करना और समाधान खोजना होता है। इसके लिए शोधकर्ता विभिन्न प्रकार की क्वालिटेटिव और क्वांटिटेटिव शोध पद्धतियों जैसे सर्वेक्षण, साक्षात्कार, प्रेक्षण, केस स्टडी, प्रयोग आदि का प्रयोग करते हैं। सामाजिक अनुसंधान से प्राप्त निष्कर्ष समाज कल्याणकारी नीति निर्माण और कार्यक्रम तैयार करने में सहायक होते हैं। यह सामाजिक समस्याओं को दूर करने और सामाजिक परिवर्तन लाने का एक महत्वपूर्ण साधन है।
सामाजिक शोध की विशेषताएं
सामाजिक अनुसंधान, समाज में विभिन्न पहलुओं और प्रश्नों को समझने और उनके अध्ययन के लिए किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण कार्य है। यह समाजशास्त्र, मानविकी, आर्थिक विकास, राजनीति, सामाजिक न्याय, सामाजिक संबंध, जाति-धर्म, जेंडर, शिक्षा, स्वास्थ्य, वातावरण, और समाजी संगठन के विषयों को शामिल करता है। निम्नलिखित हैं सामाजिक अनुसंधान की विशेषताएं:
1.प्रयोगपरकता (Empirical Nature):- सामाजिक अनुसंधान वैज्ञानिक तरीकों का प्रयोग करता है ताकि यह तथ्यों और डेटा पर आधारित हो सके। इसमें समाज में घटित घटनाओं की सिस्टमेटिक और वैज्ञानिक जांच की जाती है।
2. बहुदिशा (Multidisciplinary):- सामाजिक अनुसंधान विभिन्न क्षेत्रों से जैसे कि समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, मनोविज्ञान, जनसंख्या विज्ञान आदि की जानकारी का संयोजन करता है।
3. आवश्यकता-मुद्रित (Problem-Oriented):- सामाजिक अनुसंधान आमतौर पर समाज में प्रश्नों और चुनौतियों के समाधान के लिए किया जाता है। यह समाज में उत्थान और सुधार के लिए समर्पित होता है।
4. समाजिक प्रतिक्रियाएँ (Social Relevance):- सामाजिक अनुसंधान का मुख्य उद्देश्य समाज में सुधार लाना होता है, इसलिए इसका प्राथमिक ध्यान समाज की आवश्यकताओं और प्रतिक्रियाओं पर होता है।
5. आधुनिक तंत्रिका (Modern Techniques):- आधुनिक तंत्रों का प्रयोग सामाजिक अनुसंधान में डेटा संग्रहण, विश्लेषण और प्रस्तुति में किया जाता है। आधुनिक सॉफ़्टवेयर, आधारणा मॉडलिंग, समाज नेटवर्क विश्लेषण, और डेटा विज़ुअलाइजेशन की तकनीकें उपयोगी साबित होती हैं।
6. सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology):- इंटरनेट और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के विकास से, डेटा को संग्रहित, साझा और विश्लेषित करने की सुविधा मिलती है जिससे बेहतर सामाजिक अनुसंधान किया जा सकता है।
7. योग्यता और नैतिकता (Competence and Ethics):- सामाजिक अनुसंधानकर्ताओं को उच्च योग्यता और नैतिक मूल्यों की आवश्यकता हो
सामाजिक शोध की परिभाषा
सामाजिक शोध, समाज में विभिन्न पहलुओं, प्रश्नों, प्रतिक्रियाओं, और चुनौतियों का अध्ययन करने और समझने की प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य समाज में सुधार और विकास की सामाजिक योजनाओं और कार्यों के आधार पर सुझाव देना होता है। सामाजिक शोध समाजशास्त्र और अन्य सामाजिक विज्ञानों के क्षेत्र में व्यापक रूप से किया जाता है और यह विभिन्न मानवीय प्रवृत्तियों, संरचनाओं, संगठनों और समाजिक प्रतिक्रियाओं की अध्ययन और विश्लेषण के माध्यम से समाज की समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करने का प्रयास करता है।
सामाजिक शोध की मुख्य विशेषता
सामाजिक शोध की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित होती हैं:
1. प्रयोगपरकता (Empirical Nature):- सामाजिक शोध तथ्यों और डेटा पर आधारित होता है, जिससे विश्लेषण और सुधार की सुविधा मिलती है।
2. सिस्टमेटिक अध्ययन (Systematic Study):- यह अध्ययन को सिस्टमेटिक और योजनाबद्ध तरीके से किया जाता है ताकि निष्कर्ष और सुझावों में सहीपन रहे।
3. समाजिक योजनाएं (Social Policies):- सामाजिक शोध आमतौर पर समाज में सुधार लाने के लिए सामाजिक योजनाओं और नीतियों के विकास में मदद करता है।
4. प्रभाव-मूल्यांकन (Impact Assessment):- सामाजिक शोध सामाजिक परिवर्तनों के प्रभाव की मूल्यांकन करने में मदद करता है और यह समझने में मदद करता है कि कौनसी कार्रवाई सबसे उपयुक्त हो सकती है।
5. समाजिक संबंधों का अध्ययन (Study of Social Relations):- सामाजिक शोध समाजिक संबंधों, समाजिक गतिविधियों, समाजिक संरचनाओं और संगठनों के अध्ययन के माध्यम से समाज के अंदर की प्रक्रियाओं की समझ में मदद करता है।
सामाजिक शोध का माध्यम डेटा संग्रहण, सूचना प्रसंस्करण, विश्लेषण तकनीकों, सर्वेक्षण, आवश्यकतानुसार अनुसंधान प्रोजेक्ट्स, और आधुनिक तंत्रों का प्रयोग करके किया जाता है।
सामाजिक शोध का महत्व
सामाजिक शोध का महत्व निम्नलिखित है:
1. सामाजिक वास्तविकताओं को समझना – सामाजिक शोध समाज में व्याप्त विभिन्न प्रकार की सामाजिक समस्याओं, व्यवहार पैटर्न और प्रक्रियाओं को समझने में मदद करता है।
2. समाज कल्याण – सामाजिक शोध से प्राप्त जानकारी का प्रयोग समाज कल्याणकारी नीतियों और कार्यक्रमों को डिज़ाइन करने में किया जा सकता है।
3. सिद्धांत निर्माण – सामाजिक शोध से प्राप्त तथ्यों का विश्लेषण कर सामाजिक सिद्धांतों का निर्माण किया जा सकता है।
4. नीति निर्माण – सामाजिक शोध नीति निर्माताओं को नीतियाँ बनाने में सहायक होता है।
5. सामाजिक परिवर्तन – सामाजिक शोध सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया को समझने में मदद कर सकता है।
6. भविष्य के लिए तैयारी – सामाजिक शोध भविष्य के लिए तैयारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस प्रकार, सामाजिक शोध किसी भी समाज के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।