अपराध नियंत्रण के 10 उपाय | How to stop crime in Hindi
अपराध नियंत्रण के 10 उपाय | How to stop crime in Hindi
कुचामन शास्त्री का विचार है कि यदि अपराधियों का बंध्याकरण कर देना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी अपराधी ना बन के आए और इसका कारण वह वंशानुगत ना मानने लगे
अपराध से बचने के लिए कई सारे उपचार हमारे लेखकों ने और सामान्य भाषा में समाज में प्रचलित है इससे अपराध निरोधक अपराध को होने से पहले ही रोका जा सकता है।
शिक्षा का प्रसार
शिक्षा का प्रसार बहुत ही अच्छा अपराध निरोधक एक उपचार है जिसमें भौतिक तथा धार्मिक का स्थान मुख्य होना चाहिए ताकि व्यक्ति अपने पतियों के जाल से बाहर आए तथा दिमाग से सही
गलत का फैसला ले सके और जान सके कि किस प्रकार के अपराध से उसे अपने आप को बचाना है
बुरी सामाजिक कृतियों का निवारण
समाज में जिन विधियों से बुराइयों को बढ़ावा मिलता है उन्हें कुछ सख्त कानून बनाकर दूर करना चाहिए और यह काफी अच्छा समाधान है अपराध होने से पहले ही रुकी जाने का
सस्ती मनोरंजन के साधनों की उपलब्धता
इस एक उपाय से लोगों को व्यस्त रखा जा सकता है और लोगों का समय भी सस्ती मनोरंजन के साधनों से रच बस जाने से दिमागी खुराफात कम होगी जिसमें अपराधों में कमी आएगी
पूर्ण नशा निषेध
पूरे विश्व भर में नशा काफी ज्यादा अपराध का केंद्र रहा है और दुनिया भर में नशे की वजह से कई सारे अपराध होते हैं तथा नशा इसका एक मुख्य कारण माना जा सकता है ज्यादातर अपराध नशे की हालत में ही होते हैं संपूर्ण रूप से नशाबंदी होना भी एक कारगर उपाय साबित हो सकता है।
भ्रष्टाचार का उन्मूलन करना
अपराध को रोकने के लिए भ्रष्टाचार का उन्मूलन करना काफी अच्छा सुझाव है मंत्री गणों अधिकारियों उद्योगपतियों व्यापारियों में फैले भ्रष्टाचार को समाप्त करना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि भ्रष्टाचार ही कई सारे अपराधियों को जन्म देता है।
आर्थिक उन्नति
दुनिया भर के जितने भी अपराध होते हैं उसमें एक आर्थिक कारक शामिल होता ही है क्योंकि हर किसी को आर्थिक रूप से सक्षम होना है पर इसमें जो आर्थिक उन्नति को हासिल नहीं कर पाते वह अपने आप को अपराध की श्रेणी की ओर ले जाते हैं और कई प्रकार के अपराध को जन्म देते हैं
प्रदेश के मूलभूत आवश्यकताओं को पूर्ण करना प्रादेशिक उन्नति का ही निवारण करना और आर्थिक उन्नति को बढ़ावा देना ही एक काफी अच्छा अपराध को रोकने में महत्वपूर्ण योगदान निभा सकता है
कैसे करें अपराधियों का सुधार
कुछ व्यवसायिक अपराधों को छोड़ दिया जाए तो बाकी सभी अपराधियों के पीछे व्यक्ति की व्यवस्था अथवा मानसिक दुर्बलता छुपी हुई होती है और मुख्य कारण आर्थिक समस्या का भी हो सकता है
इसलिए यदि अपराधियों की परिस्थितियों में यदि सुधार लाया जाए तो उनके जीवन यापन को शुभम बनाया जाए तो अपराधियों के व्यवहार में परिवर्तन आएगा और समाज का उसके प्रति दृष्टिकोण भी बदल सकता है अपराध तुषार को व्यवहारिक रूप से देखने के लिए अनेक प्रकार की व्यवस्थाओं की ओर ध्यान देना हमें आवश्यक है और इस पूर्ण प्रक्रिया में न्यायालय ने सुधार संस्थाएं कारगर आदि का स्थान अत्यधिक महत्वपूर्ण है
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