क्या होते हैं मूल अधिकार – Fundamental Rights In Indian Constitution In Hindi

क्या होते हैं मूल अधिकार – Fundamental Rights In Indian Constitution In Hindi

भारतीय संविधान में 22 भाग हैं जिसमें 395 अनुच्छेद हैं और 12 अनुसूचियां हैं उसी में से तीसरा भाग है मूल अधिकार। भारतीय संविधान में मूल अधिकार अनुच्छेद 12 से लेकर अनुच्छेद 35 तक दिए हुए हैं।

Meaning of Fundamental Rights In Hindi

क्या है मौलिक अधिकार का मतलब

भारत के संविधान में मूल अधिकार को ही मौलिक अधिकार कहा जाता है। मौलिक अधिकारों को भाग 3 में रखा गया है जिसमें विभिन्न विभिन्न प्रकार के मौलिक अधिकार शामिल है।

मौलिक अधिकार में मूल अधिकार होते हैं जो व्यक्ति को दिए जाते हैं जिसे कोई भी उनसे नहीं छीन सकता चाहे फिर कोई दूसरा व्यक्ति हो या फिर सरकार।

क्या है मूल अधिकार भारतीय संविधान में

मूल अधिकार वे अधिकार होते हैं जो व्यक्ति को दिए जाते हैं उनके जन्म लेते ही जिसे कोई भी अन्य व्यक्ति या उस देश की सरकार उनसे नहीं छीन सकते।

मूल अधिकार को भारतीय संविधान में USA के संविधान से लाया गया है

जिसे भारतीय संविधान में भाग 3 में रखा गया है और इसे लोग मैग्नाकार्टा भी कहते हैं।

अगर आप भारतीय हैं यानी कि आपके पास भारत की नागरिकता है तो आपको भारत में मूल अधिकार प्राप्त होंगे।

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Fundamental Rights Article In Hindi

मूल अधिकार के अनुच्छेद

Article 12 In Hindi – अनुच्छेद 12

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 12 में फिर चाहे वे केंद्रीय हो या केंद्र शासित और बोर्ड की परिभाषा दी गई है।

Article 13 In Hindi – अनुच्छेद 13

भारतीय संविधान में अनुच्छेद13 में आपके अल्पी करण और असंगत की बात की गई है। यह कहता है कि आप की आजादी जब तक है जब तक आप किसी दूसरे की आजादी को ठेस ना पहुंचाएं।

मूल अधिकारों को आसानी से समझने के लिए भाग 3 के अनुच्छेद 12 से लेकर 35 तक को आसानी समझने के लिए इन्हें विभिन्न भागों में विभाजित किया गया है जिसमें कुछ मूल अधिकार के भाग निम्न प्रकार के हैं

मूल अधिकार के भाग

Types of Fundamental Rights In Hindi

  1. समानता का अधिकार
  2. स्वतंत्रता का अधिकार
  3. प्राइवेसी का अधिकार
  4. शोषण के विरुद्ध अधिकार
  5. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
  6. शिक्षा एवं संस्कृति का अधिकार
  7. संपत्ति का अधिकार

ऊपर दिए गए हैं कुछ मूल अधिकार के प्रकार जिसे हम अब एक एक कर कर समझने की कोशिश करेंगे

समानता का अधिकार

Article 14 In Hindi – अनुच्छेद 14

यह अधिकार हमको बताता है कि कानून के सामने सब बराबर है

Article 15 In Hindi – अनुच्छेद 15

भारतीय संविधान के 15 अनुच्छेद में लिखा गया है कि सरकार जनता या व्यक्ति इन 5 आधारों पर भेदभाव नहीं कर सकती वी आधार निम्नलिखित हैं
धर्म,जाति, वर्ण, लिंग, जन्म स्थान

और किसी अन्य मुद्दों पर है पॉजिटिव डिस्क्रिमिनेशन कर सकती है

Article 16 In Hindi – अनुच्छेद 16

अनुच्छेद 16 में लिखा गया है लोक नियोजन की समानता के बारे में
आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं होगा जाति लिंग के आधार पर नहीं होगा

परंतु अनुच्छेद में लिखा गया है कि आरक्षण स्थान के आधार पर हो सकता है लेकिन कहीं पर भी वह 50 परसेंट से ज्यादा नहीं होना चाहिए

Article 17 In Hindi – अनुच्छेद 17

अस्पृश्यता के बारे में एक अनुच्छेद में लिखा गया है कि किसी पर भी किसी को भेदभाव नहीं करना है जैसे कि ग्रामीण अंचलों में देखा गया है कि छूत अछूत की भावना रहती है ।

Article 18 In Hindi – अनुच्छेद 18

इस अनुच्छेद में लिखा गया है कि जितनी भी प्रकार की उपाधियां हैं उन सब का अंत हो जाएगा जैसे कि महाराज सर नाइटहुड राय राय बहादुर इत्यादि

परंतु इस आर्टिकल में यह भी लिखा गया है कि आप नेशनल अवार्ड और नेशन अवार्ड रख सकते हैं और साथ ही साथ जो भी आपको मैं उपाधियां अपनी शिक्षा सके और अपने बलबूते पर रैंक हासिल करिए वह आप रख सकते हैं जैसे कि शिक्षा के क्षेत्र में डॉक्टर प्रोफेसर इत्यादि

आर्टिकल 14 हमको बताता है समाज में समानता के बारे में इसलिए हमारे यहां पर समानता का अधिकार मूल अधिकार का भाग समाप्त होता है।

स्वतंत्रता का अधिकार

क्या है स्वतंत्रता का अधिकार

मूल अधिकारों के निम्न भागों में से स्वतंत्रता का अधिकार भी एक महत्वपूर्ण मूल अधिकारों का भाग है इसे हम भारतीय संविधान की रीढ़ की हड्डी भी कह सकते हैं

स्वतंत्रता का अधिकार वाले भाग में अनुच्छेद 19 20 21 22 आते हैं

Article 19 In Hindi – अनुच्छेद 19

  1. अनुच्छेद में स्वतंत्रता की बात कही गई है इसलिए हम इसे राइट टू फ्रीडम भी कह सकते हैं
  2. आर्टिकल 19 हमें निम्न प्रकार से स्वतंत्रता प्राप्त कराता है
  3. यह हमें बोलने की और अपने आप को दूसरों के सामने अपने भावों को प्रदर्शित करने की आजादी देता है
  4. यह हमें सभा बनाने की आजादी देता है संगठन बनाने की आजादी देता है
    अनुच्छेद 19 की मदद से हम लोग पूरे देश में कहीं पर भी फ्रीली घूम सकते हैं पर जहां पर रिस्ट्रिक्शन है वहां को छोड़कर जैसे की मिलिट्री एरिया
  5. अनुच्छेद 19 हमें पूरे देश में कहीं पर भी निवास करने की और कहीं पर भी अपना बिजनेस करने की आजादी देता है
  6. यह हमें पूरे देश में और विदेशों में भी व्यापार करने का अधिकार प्राप्त कर आता है।
  7. यह हमें पहले संपत्ति अर्जित करने का भी अधिकार देता था परंतु इसमें संशोधन करके इसे मूल अधिकारों में से हटा दिया गया है

Article 20 In Hindi – अनुच्छेद 20

आर्टिकल 20 में लिखा गया है दोष सिद्धि के संरक्षण के बारे में

  1. इस अनुच्छेद में कहा गया है अपराधी को उसी समय के कानून के हिसाब से सजा दी जाएगी
  2. एक अपराध की एक ही सजा होगी और एक अपराध की एक बार ही सजा दी जाएगी
  3. और इस अनुच्छेद में कहा गया है कि आप खुद के विरुद्ध में गवाही नहीं दे सकते

Article 21 In Hindi – अनुच्छेद 21

  1. यह हमें प्रोटेक्शन ऑफ लाइफ और पर्सनल लिबर्टी की बात करता है यानी कि हमारी आजादी की बात करता है
  2. आर्टिकल 21 का में लिखा गया है कि 6 से 14 तक के बच्चों को शिक्षा फ्री में दी जाएगी और उनके स्वास्थ्य का भी ध्यान फ्री में ही रखा जाएगा

Article 22 In Hindi – अनुच्छेद 22

आर्टिकल 22 बताता है गिरफ्तारी से संरक्षण के बारे में इसमें कहा गया है कि अपराध होने या होने के बाद किस प्रकार आप की गिरफ्तारी होगी और सजा दी जाएगी

शोषण के विरुद्ध अधिकार

Article 23 In Hindi – अनुच्छेद 23

इसमें कहा गया है कि आप किसी बच्चे की तस्करी नहीं कर सकते उससे दुर्व्यवहार नहीं कर सकते

किसी भी बच्चे को बंधुआ मजदूर नहीं बना सकते और बिना पैसे दिए काम नहीं करवा सकते और जबरदस्ती उनसे किसी प्रकार का काम नहीं करवा सकते

आर्टिकल 23 A लेकिन अगर राष्ट्रीय आपात लगेगा यानी कि इमरजेंसी लगेगी तो आपसे काम करवा सकता है देश

Article 24 In Hindi – अनुच्छेद 24

आप 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खतरनाक कामों में जैसे कि उद्योग, फैक्ट्री, खदानों में काम नहीं करवा सकते

धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार

क्या है धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार

मूल अधिकार का एक भाग है धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार मूल अधिकार के इस भाग में आते हैं अनुच्छेद 25 से 28 जो कि धार्मिक स्वतंत्रता की बात करते हैं देश में

Article 25 In Hindi – अनुच्छेद 25

आर्टिकल 25 आपको आजादी प्राप्त कर आता है कि आप किसी भी धर्म को मान सकते हैं उनके धार्मिक कार्य रिवाजों को अपना सकते हैं उस धर्म का प्रचार-प्रसार भी कर सकते हैं

Article 26 In Hindi – अनुच्छेद 26

अनुच्छेद 26 में कहा गया है कि आप किसी भी प्रकार के धार्मिक कार्यों का प्रबंधन कर सकते हैं उनकी स्थापना, संपत्ति, वैधानिक खर्च कर सकते हैं

Article 27 In Hindi – अनुच्छेद 27

धार्मिक कार्यों के धन पर आपका कोई भी टैक्स नहीं लगेगा लेकिन आप एंट्री फीस कलेक्ट कर सकते हैं।

Article 28 In Hindi – अनुच्छेद 28

किस अनुच्छेद में कहा गया है कि सरकारी खर्च पर चलने वाले संस्थान पर आपको धार्मिक शिक्षा नहीं देनी होगी किसी भी धार्मिक कार्य के लिए आप उस संस्थान में बाध्य हैं।

शिक्षा एवं संस्कृति का अधिकार

Article 29 In Hindi – अनुच्छेद 29

अनुच्छेद में कहा गया है कि अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा होनी चाहिए उन को इन किसी भी प्रकार से जैसे कि संस्कृति भाषा धर्म लिपि जाति के आधार पर संस्थान से वंचित नहीं कर सकते ।

Article 30 In Hindi – अनुच्छेद 30

अगर कहीं पर भी अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा नहीं हो रही है तो अल्पसंख्याक अपनी संस्था खोल सकते हैं और उसमें उनको सरकार की भी मदद प्राप्त होगी।

संपत्ति का अधिकार

Article 31 In Hindi – अनुच्छेद 31

पहले यह अधिकार आर्टिकल 19 में दिया गया था परंतु इसे आर्टिकल 31 में लाकर संपत्ति से वंचित करने की बात की गई है ।

1978 के 44 व संशोधन के तहत इसे मूल अधिकारों में से हटाकर सामान्य अधिकारों में डाल दिया गया है। इसे 300 क में डाल दिया गया है

Article 32 In Hindi – अनुच्छेद 32

आर्टिकल 32 में संवैधानिक उपचार की बात की गई है

आर्टिकल 32 मूल अधिकारों को मूल अधिकार बनाने वाला मूल अधिकार है

अनुच्छेद 32 में बताया गया है कि अगर आप के मूल अधिकारों का हनन होता है या उनको आपसे कोई चिंता है तो डायरेक्ट सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं

सुप्रीम कोर्ट आपको पांच प्रकार की रीत की मदद से सहायता करेगा

Article 33 In Hindi – अनुच्छेद 33

आर्टिकल 33 आपके मूल अधिकारों पर रोग लगा देता है जैसे कि आप आर्मी एरिया में नहीं घूम सकते

Article 34 In Hindi – अनुच्छेद 34

आर्टिकल 34 सैन्य कानून के बारे में बात करता है आर्टिकल 34 लगने पर आपका मूल अधिकार सीमित कर दिए जाते हैं

Article 35 In Hindi – अनुच्छेद 34

आर्टिकल 35a मूल अधिकारों की सूची में आखिरी अधिकार है इसमें कहा गया है कि संसद मूल अधिकार को अधिक प्रभावी बनाने के लिए नया कानून बना सकती है।

Note:- यह जितने भी प्रकार के मूल अधिकार हैं वह सिर्फ केवल भारतीयों पर लगेंगे ना कि विदेशियों पर।

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