निबंध महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के कारक (essay Violence against women in Hindi)
महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के कारक
- व्यक्तिगत कारकः संबंधों में अत्यधिक असमानता, मादक पदार्थों एवं शराब का हानिकारक सेवन, महिलाओं के प्रति द्वेष या पूर्वाग्रह इत्यादि ।
- सामुदायिक कारकः कठोर पितृसत्तात्मक लैंगिक मानदंड, अत्यधिक निर्धनता और बेरोजगारी, सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की न्यूनतम उपस्थिति, पुरुष प्रधान समाज को बढ़ावा देने वाली लोकप्रिय संस्कृति, महिलाओं को हाशिये पर रखना आदि ।
भारत में महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के रोकथाम में चुनौतियां
- कानून के क्रियान्वयन से संबंधित मुद्देः कार्य के अत्यधिक भार से ग्रस्त न्यायपालिका, निम्न दोषसिद्धि दर, कानून एवं परिभाषाओं में अस्पष्टता, पुलिस एवं स्वास्थ्य कर्मियों में व्याप्त उदासीनता, महिला पुलिसकर्मियों की कमी, अपराध की सूचना देने की निम्न दर, न्याय प्रणाली में रूढ़िवादिता और लैंगिक पूर्वाग्रह आदि ।
- सामाजिक मुद्दे: समाज में हिंसा के प्रति स्वीकार्यता एवं सहिष्णुता, अपराध संबंधी मामलों की कठिन पहचान, न्यायेतर अदालतों का अस्तित्व, भेदभाव के अलग-अलग रूपों पर बहुत कम ध्यान देना आदि ।
- अन्य मुद्देः दंड विधि (क्रिमिनल लॉ) में किए गए संशोधन व्यापक नहीं हैं। महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के मामलों में उपलब्ध डेटा की कमी तथा सुरक्षित अवसंरचना का अभाव है।
भारत में महिलाओं के विरुद्ध हिंसा से निपटने हेतु किए गए उपाय
- दंड विधि (संशोधन) अधिनियम, 2013 और 2018
- महिलाओं के विरुद्ध साइबर हिंसा से निपटने हेतु नए IT नियम
- उच्चतम न्यायालय के प्रगतिशील निर्णय
- राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना
- योजनाएं अथवा पहलेंः महिला पुलिस वालंटियर्स; उज्ज्वला योजना निर्भया कोष, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, इत्यादि ● अंतर्राष्ट्रीय अभिसमय का अनुसमर्थन: महिलाओं के विरुद्ध सभी प्रकार के भेदभाव के उन्मूलन पर अभिसमय (CEDAW) • राज्य स्तरीय पहले दिल्ली पुलिस द्वारा हिम्मत ऐप, मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा सम्मान अभियान, केरल सरकार द्वारा पिंक प्रोटेक्शन प्रोजेक्ट, आदि
आगे की राह
- महिला पुलिस अधिकारियों की संख्या में वृद्धि करना ।
- महिलाओं और लड़कियों को सभी प्रकार की हिंसा से बचाने वाले कानूनों में संशोधन करना, सामंजस्य बनाना या नये कानून बनाना ।
- कानूनी और मनोवैज्ञानिक सहायता सेवाओं का प्रावधान करना।
- पीड़ितों की गोपनीयता, पहचान और गरिमा की रक्षा करना ।
- सुरक्षित और जेंडर अनुकूल अवसंरचना तथा स्थान सुनिश्चित करने हेतु प्रौद्योगिकी का उपयोग करना ।
- पितृसत्तात्मक विचारधारा को समाप्त और नष्ट करने के लिए शिक्षा कार्यक्रम |