समाजशास्त्र मे अनुसूची क्या है- अर्थ | परिभाषाएं | प्रकार हिंदी में

अनुसूची क्या है 

समाजशास्त्र मे अनुसूची क्या है- अर्थ परिभाषाएं प्रकार हिंदी में

अनुसूची का अर्थ

अनुसूची प्राथमिक तत्व संकलन की एक ऐसी विधि है जिसमें अवलोकन, साक्षात्कार तथा प्रश्नावली इन तीनों की विशेषताएं एवं गुण साथ में पाए जाते हैं। जिसके द्वारा किसी क्षेत्र की सूचना दाताओं से भी सूचना प्राप्त की जा सकती है जो कि पढ़े-लिखे नहीं है यह एक प्रयास विधि है जिसमें साक्षात्कार उत्तर दाता की आमने सामने प्रश्न पूछकर भरता है अतः प्रश्नों का चयन सही प्रकार किया जाना आवश्यक होता है।

समाजशास्त्र मे अनुसूची परिभाषाएं

अनुसूची की परिभाषाएं

अनुसूची की परिभाषा  गुडी एवं हॉट के अनुसार 

अनुसूची उन प्रश्नों का समुच्चय है जिनमें साक्षात्कारकर्ता किसी दूसरे व्यक्ति से आमने-सामने की स्थिति में किसी प्रकार के सवाल पूछता है और वह जवाब देता है।

अनुसूची की परिभाषा पीवी यंग के अनुसार 

पीवी यंग कहते है कि अनुसूचित यह गणना की एक विधि है जिसका प्रयोग औपचारिक एवं मानवीयकृत है

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समाजशास्त्र मे अनुसूची  के प्रकार हिंदी में

यंग तथा अन्य समाज शास्त्रियों की अनुसूची के ऊपर विभिन्न विभिन्न विचार है और उन्होंने इसे विभिन्न प्रकारों में बांटा है

समाजशास्त्र मे अनुसूची  का प्रकार 1

अवलोकन अनुसूची

इसका प्रयोग अवलोकन करता कार्य को व्यवस्थित क्रम बंद एवं प्रभावी बनाने में करता है। जिसमें प्रश्न के स्थान पर सारणी का प्रयोग किया जाता है तथा प्रश्न रचना की जगह मोटी बातों का उल्लेख करता है।

जिसमें विषय के अनुसार क्रमबद्ध रूप में घटित घटनाओं की अवलोकन कर्ता वितरण देखकर स्वयं लिखता है। यह विषय क्षेत्र को सीमित करने एवं आवश्यक तत्वों पर ध्यान देने में भी सहायक होती है।

समाजशास्त्र मे अनुसूची  का प्रकार 2

मूल्यांकन अनुसूची

इस प्रकार का प्रयोग किसी विषय के बारे में लोगों की अभिन्न रुचि एवं राय एवं विश्वास आदि की इच्छा को मापने हेतु किया जाता है।

जिसमें बाद में शासकीय आंकड़ों में व्यक्त किया जाता है। समाजशास्त्रीय दहेज प्रथा बाल विवाह जैसी गंभीर समस्याओं को अवलोकन करने में इस्तेमाल करते हैं।

और इस विधि का उपयोग कई प्रकार की गंभीर विषयों का अध्ययन करने में उपयोग किया जाता है जिससे इसका मूल्यांकन अच्छे से हो सके।

इस प्रकार के माध्यम से सूचना करता की पसंद और नापसंद तथा उसके पक्ष और विपक्ष के विचारों को जाना जाता है।

समाजशास्त्र मे अनुसूची  का प्रकार 3

संस्था सर्वेक्षण अनुसूची

यह अनुसूची का प्रकार संस्थाओं के सर्वेक्षण के लिए इस्तेमाल किया जाता है और इस प्रकार के अनुसूची का प्रयोग विभिन्न संस्थाओं की कार्यप्रणाली तथा समाज में उनकी प्रस्तुति की तुलना करने में सहायक होती है।

यह प्रयुक्त संस्था को धर्म परिवार शिक्षा आदि के पैमाने पर ना पता है एवं इस प्रकार से हम संस्था का अच्छे से सर्वेक्षण कर सकते हैं।

क्योंकि इस अनुसूची के प्रकार में संस्था से पूछे जाने सवाल उस संस्था के बारे में व्यक्त करते हैं जो कि उस संस्था के गुण एवं अवगुण को दर्शाता है।

समाजशास्त्र मे अनुसूची  का प्रकार 4

साक्षात्कार अनुसूची

इस प्रकार की अनुसूचियां में सूचनाएं प्रत्यक्ष साक्षात्कार के द्वारा एकत्र की जाती है। इसमें निश्चित प्रश्न अथवा खाली सारणी दी हुई जाती है यह उत्तर उसके तथ्य का कार्य करते हैं।

जिसमें वह समस्या का एवं उसके द्वारा प्रमाणित सूचनाएं प्राप्त होती है व्यक्तिगत संदर्भ के कारण अनुसंधानकर्ता सूचना दाता को सूचना देने के लिए प्रेरित कर सकता है।

समाजशास्त्र मे अनुसूची  का प्रकार 5

प्रलिखिए अनुसूची

यह विधि लिखित स्त्रोतों की सूचना एकत्र करने में प्रयुक्त होती है यह स्त्रोतों मुख्यता आत्मकथा, डायरी, सरकारी दस्तावेज, एवं गैर सरकारी अभिलेख, पुस्तक प्रतिवेदन, अखबार आदि हो सकते है।

इसमें विषयों से संबंधित प्रारंभिक जानकारियों को एकत्र कर प्रलिखिए अनुसूची की रचना की जाती है

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