21 June Yoga Day in Hindi (अंतराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2023)
भारत को योग का जनक क्यों कहते हैं ?
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के बारे में बात हो रही है तो भारत की बात क्यों नहीं हो सकती! क्योंकि योग का इतिहास भारत में ही है। योग का इतिहास लगभग 27,000 साल पुराना माना जाता है। 200 ईसा पूर्व में महर्षि पतंजलि ने योग सूत्र लिखे थे। योग शब्द संस्कृत से लिया गया है, इसलिए यह सिर्फ हिंदू धर्म के लोगों तक सीमित नहीं था। महर्षि पतंजलि ने अष्टांग योग के बारे में भी बताया था, जिसके कारण यह एक धर्म में सीमित नहीं रहा और पूरी दुनिया में फैला। आज विज्ञान भी योग के महत्व को समझता है। आज योग हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गया है, चाहे वह स्वास्थ्य के लिए हो या आत्मशांति के लिए।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अनमोल वचन (Yoga Quotes in Hindi)
- योग करने से न केवल शरीर को ऊर्जा मिलती है, बल्कि मन को भी शांति मिलती है। इसलिए नियमित योग करने से व्यक्ति मानसिक रूप से स्थिर और स्वस्थ रहता है।
- योग व्यक्ति को उन चीजों को सही करने और उन्हें सहने की ताकत देता है जो सही हो सकती हैं और जो सही नहीं हो सकती हैं।
- योग कोई धर्म नहीं है, बल्कि यह वेल बीइंग, यूथफुलनेस और बॉडी, माइंड और सोल को एकीकृत करने की विज्ञान है। जो लोग बहुत अधिक खाना खाते हैं, वे योग नहीं कर सकते हैं।
- उन लोगों के लिए भी योग संभव नहीं है जो बिल्कुल खाना नहीं खाते हैं या जो बहुत ज्यादा सोते हैं या फिर बहुत ज्यादा जागते हैं।
अंतराष्ट्रीय योग दिवस 21 2023 (International Yoga Day 21 June )
आधिकारिक नाम | अंतराष्ट्रीय योग दिवस |
कब मनाया जाता है | 21 जून |
कहां मनाया जाता है | पूरी दुनिया में |
शुरू कब से हुआ | साल 2015 से |
कैसे मनाते है | योग, ध्यान, और लोगों को इसके बारे में जागरूक करते हुए |
देखरेख | आयुष मंत्रालय |
स्वामी राम देव का योग के लिए विशेष योगदान (Ramdev baba yoga)
योग में कई गुण हैं, इसलिए हमें सभी लोगों को इसे अपनाना चाहिए। यह हमारे शारीरिक और मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है, और हमें एक-दूसरे का समर्थन देना चाहिए। यह एक महत्वपूर्ण पहला कदम है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को 21 जून 2015 को पूरी दुनिया में योग का आयोजन किया गया था, और इसका सकारात्मक प्रभाव पूरे विश्व में महसूस हुआ। योग एक ऐसी प्रक्रिया है जो जहां भी आप बैठ कर और अधिक से अधिक लोगों के साथ की जाती है, वहां सकारात्मकता और ऊर्जा बढ़ती है और यह सभी के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
पहला अंतराष्ट्रीय योग दिवस (International yoga day)
21 जून को भारत में विशेष तैयारी की गई थी ताकि इस दिन को मनाया जा सके। इसमें बीजेपी सदस्यों ने भी अपना योगदान दिया था और वे इसे देश भर में फैलाने के लिए काफी मेहनत कर रहे थे। इस दिन आयुष मंत्रालय ने भारत में खास व्यवस्था की थी। नरेंद्र मोदी और 84 देशों से बड़ी संख्या में 35,985 लोगों ने नई दिल्ली में राजपथ पर 35 मिनट के लिए 21 योग आसन किए। दुनिया भर में लाखों लोगों ने योग को समर्पित दिन को मनाया। NCC कैडेट्स ने कई स्थानों पर प्रदर्शन किया और उन्हंने “एकल वर्दीधारीयुवा संगठन द्वारा एक साथ सबसे बडा योग प्रदर्शन” के लिए लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में प्रवेश किया।
योग वास्तव में भारत की धरोहर में समाहित है। हमारे पुराणों और ग्रंथों में योग को महत्व दिया गया है और अब यह पूरे विश्व का एक महत्वपूर्ण अंग बन गया है। 21 जून 2015 को, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर योग को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करने और इसके महत्व को सभी को समझाने के लिए विश्व स्तर पर योग दिवस मनाया गया। इसे साल 2015 में पहली बार मनाया गया था और यह एक ऐतिहासिक क्षण था कि संयुक्त राष्ट्र संघ अमेरिका में किसी प्रस्ताव को कुछ ही दिनों में स्वीकृति मिली।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का उद्देश्य
योग दिवस की घोषणा का मुख्य उद्देश्य है समाज कल्याण के लिए एक शुरुआत करना, जिससे धर्म और जाति से ऊपर उठकर सभी लोग योग के लाभों से अवगत हो सकें। योग से हमारे जीवन के हर क्षेत्र में लाभ होते हैं और इससे कई तकलीफों का अंत होता है। इसलिए, सभी धर्म और जातियों में योग के प्रति जागरूकता होनी चाहिए।
अंतरर्राष्ट्रीय योग डे क्यों मनाया जाता है
योग जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जैसे कि एक बीपी के मरीज के लिए उसकी दवा की तरह। बीमारी में पड़ने के बाद इलाज के लिए इधर-उधर भागने और खर्चे करने से बेहतर है कि हम योग के लिए समय निकालें। योग में कोई खर्च नहीं होता और नुकसान भी नहीं होता। योग का बस फायदा होता है और इसे दुनिया के सभी लोगों ने माना है, इसलिए यह अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को देश में मनाया जा रहा है।
दुनिया में बढ़ती हुई बीमारियों को देखकर यह एक बहुत अच्छा निर्णय है जो विश्वस्तर पर लिया गया है। योग के लिए कई घंटे निकालना आवश्यक नहीं है, 30 मिनट भी आपके लिए फायदेमंद होंगे। योग सिर्फ मोटे या बीमार लोगों के लिए ही जरूरी नहीं है, यह व्यक्ति का संपूर्ण विकास करता है। यह शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास भी करता है।