कैसे क्रैश हुआ लूना-25 (Luna 25 Mission Crash Kaise Hua )

कैसे क्रैश हुआ लूना-25 (Luna 25 Mission Crash Kaise Hua )

रूसी अंतरिक्ष यान लूना-25 की चंद्रमा पर उतरने की योजना को बड़ा धकेला मिला है, क्योंकि यह उड़ान से पहले ही क्रैश हो गया है। रोस्कोस्मोस, रूसी अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, लूना-25 अंतरिक्ष यान की चंद्रमा पर लैंडिंग करने की कोशिश में तकनीकी खराबी के कारण यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। आज सुबह ही खबर मिली कि लैंडिंग प्रक्रिया में तकनीकी समस्या आई थी।

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मॉस्को: रूस की चांद पर पहुंचने की उम्मीदें तब पूरी तरह से खत्म हो गई थी जब उनका अंतरिक्षयान लूना-25 क्रैश हो गया। रविवार को रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोसकोस्मोस ने इसकी आधिकारिक पुष्टि की। लूना-25 की तैयारी चंद्रमा की सतह पर लैंड होने के लिए सोमवार को की जा रही थी। एजेंसी ने बताया कि लूना-25 के प्रप्पल्शन मैनूवर के दौरान चंद्रमा की सतह से टकराया गया था। इसके कारण यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। लूना-25 का क्रैश होना रूस के लिए एक बड़ी चोट है। विश्वभर के वैज्ञानिक इस बारे में विवाद कर रहे हैं कि आखिरकार लूना-25 के अंतिम क्षणों में क्या घटित हुआ होगा।

रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने बताया कि रूस के लूना-25 अंतरिक्ष यान ने अनियंत्रित कक्षा में घूमने के बाद चंद्रमा से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। एक दिन पहले ही रोस्कोस्मोस ने बताया था कि लैंडिंग से पहले ऑर्बिट बदलते समय असामान्य स्थिति उत्पन्न हुई थी, जिससे लूना-25 ऑर्बिट ठीक ढंग से नहीं बदल सका। यह स्थिति तब उत्पन्न हुई जब शनिवार को 11:10 जीएमटी पर यान को सोमवार के लिए नियोजित लैंडिंग कक्षा में पहुंचाने की कोशिश की गई।

स्पेस एजेंसी ने बताया कि विशेषज्ञों को अचानक उत्थान होने वाली समस्या का समाधान ढूंढने में अभी तक सफलता नहीं मिली है। वे इस मुद्दे पर लगातार काम कर रहे हैं। पहले रूसी एजेंसी ने यह बताया था कि लूना-25 की लैंडिंग अगस्त 21 को चंद्रमा की सतह पर होगी।

कैसे क्रैश हुआ लूना-25 जानिए क्या है बात 

साल 1976 के बाद लॉन्च होने वाला यह मिशन रूस के लिए बेहद अहम था। सोवियत संघ के पतन के बाद रूस ने पहला लूनर मिशन लॉन्च किया था। फ्रांस के अंतरिक्ष विज्ञानी और उल्कापिंडों पर शोध करने वाले फ्रैंक मार्चिस के मुताबिक, लूना-25 का क्रैश उसके सॉफ्टवेयर में हुई गड़बड़ी की वजह से हुआ। इस गड़बड़ी के कारण लूना-ग्लोब लैंडर ने सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर नहीं लैंड किया।

Luna-25 मिशन: रूस के चांद पर पहुंचने की उम्मीदें टूट गई, लूना-25 क्रैश हो गया; एजेंसी ने क्या बताया

रूसी अंतरिक्ष यान लूना-25 का मिशन चांद पर पहुंचने का सपना टूट गया है। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कॉस्मॉस ने इसकी जानकारी दी है। एक दिन पहले ही यह खबर आई थी कि लूना-25 में तकनीकी खराबी आ गई थी।

रोस्कॉस्मॉस ने बताया कि लूना-25 अंतरिक्ष यान ने अनियंत्रित कक्षा में घूमने के बाद चंद्रमा से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसकी वजह थी कि लैंडिंग से पहले ऑर्बिट बदलते समय एक आसामान्य स्थिति उत्पन्न हुई, जिसके कारण लूना-25 ठीक ढंग से ऑर्बिट बदल नहीं सका। यह स्थिति उत्पन्न हुई थी जब शनिवार को 11:10 जीएमटी पर यान को प्री-लैंडिंग कक्षा में ले जाने का प्रयास किया गया था।

रूसी स्पेस एजेंसी ने बताया कि विशेषज्ञों को अचानक आई समस्या के समाधान में अभी तक सफलता नहीं मिली है, और वे लगातार उस पर काम कर रहे हैं। पहले तो रूसी एजेंसी ने यह बताया था कि लूना-25 का चंद्रमा पर लैंडिंग 21 अगस्त को होगी।

लूना-25 अंतरिक्ष यान की तकनीकी खराबी

शनिवार को रूसी स्पेस एजेंसी रोस्कॉस्मॉस ने पुष्टि की थी कि लूना-25 अंतरिक्ष यान में तकनीकी खराबी आ गई है। रोस्कॉस्मॉस ने बताया कि लैंडिंग से पहले ऑर्बिट बदलते समय आसामान्य स्थिति उत्पन्न हुई, जिससे लूना-25 की ऑर्बिट ठीक ढंग से नहीं बदल सकी। विशेषज्ञों को आई समस्या का समाधान मिलाने में अभी असफलता हुई है। पहले तो संभावना जताई जा रही थी कि लूना-25 अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह पर 21 अगस्त को लैंड करेगा।

रोस्कॉस्मॉस ने बताया कि लूना-25 ने चांद के जमीन क्रेटर की तस्वीरें भेजी हैं। यह चंद्रमा के दक्षिणी गोलार्ध का तीसरा सबसे गहरा गर्त है, जिसका व्यास 190 किमी है और गहराई 8 किमी है। इससे पहले रूसी अंतरिक्ष एजेंसी का कहना था

‘लूना-ग्लोब’ दिया गया मिशन का नाम

रूसी मीडिया के अनुसार, शुक्रवार 11 अगस्त को सुबह 4.40 बजे रूस के वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लूना-25 लैंडर की लॉन्चिंग हुई थी। लूना-25 को सोयुज 2.1 बी रॉकेट में चांद पर भेजा गया है। इसे ‘लूना-ग्लोब’ मिशन का नाम दिया गया है। रॉकेट की लंबाई करीब 46.3 मीटर है, वहीं इसका व्यास 10.3 मीटर है। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस का कहना है कि लूना-25 चांद की ओर निकल चुका है और पांच दिनों तक चंद्रमा की ओर बढ़ता रहेगा। इसके बाद, 313 टन वजनी रॉकेट 7-10 दिनों तक चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगाएगा।

चंद्रयान-3 से पहले रूस कर सकता है चांद पर लैंड

पहले यह उम्मीद जताई जा रही थी कि लूना-25 21 या 22 अगस्त को चांद की सतह पर पहुंचेगा। वहीं, चंद्रयान-3 जिसे भारत ने 14 जुलाई को लॉन्च किया था, 23 अगस्त को चांद पर लैंड करने की योजना बना रहा है। यह बताया गया कि लूना-25 और चंद्रयान-3 के चांद पर उतरने का समय लगभग एक ही होने वाला था। लूना-25 ने चंद्रमा की सतह पर उतरने में कुछ घंटे पहले कामयाबी हासिल की थी। रूस ने पहले 1976 में चंद्र पर लूना-24 यान उतारा था। अबतक विश्वभर में चंद्रमा पर उतारने वाले सभी मिशन चंद्रमा के इक्वेटर के करीब ही हुए हैं।

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